बीकानेर: यहां भरता है मेला, जहां सजते हैं ऊंट
ये फोटोज हमें भेजी हैं. अनुराधा कंवर भाटी ने. तिक्खा इंटरनेशनल कैमल फेस्टिवल से. उनको लगा ‘दी लल्लनटॉप’ से शेयर करनी चाहिए. आप भी lallantopmail@gmail.com पर कायदे का कंटेंट भेज सकते हैं. ठीक लगा तो हम छापेंगे.
बीकानेर का जिला प्रशासन और पर्यटन विभाग, हर साल मिलकर इंटरनेशनल कैमल फेस्टिवल ऑर्गेनाइज करते हैं. इस बार 23वां कैमल फेस्टिवल था. 9 और 10 जनवरी को. उस मौके की तस्वीरें हम तक आई हैं. आप भी देखिए. ऊंटों से जुड़िए,राजस्थान को महसूसिए इसे बहाने.
2. कोई 70 मिनट हैं तुम्हारे पास : ‘चक दे! इंडिया’ में फाइनल से पहले शाहरुख अपनी टीम का हौसला बढ़ाते दिखते हैं. मगर ये रेगिस्तान है, यहां नहीं. ये ऊंटवाले अपने नर्वस ऊंट कालू को सजाते हुए ऐसा कुछ नहीं बोले.
4. ये आराम का मामला है: भाई का ऊंट देखो, भाई का अंदाज देखो.
5. गाइज़, हाऊ मे आई हेल्प यू: दो विदेशी सैलानियों द्वारा कौतूहल से निहारे जाने पर ये ऊंट शायद यही कह रहा है.
6. होंठों पर रंग, सिर पर तिरंगा: इंसानों के रंगों से अंजान अपने में डूबा एक ऊंट.
7. ऊंट खडा जो पी लेता है, 30 दिनों का पानी: सूर्य की ऊष्मा के आगे सदा टिके रहने वाला ये खूबसूरत प्राणी कोई 4.5 करोड़ साल पुराना है. वहीं पास में खड़ीं मोटरें करीब 250 साल पहले अस्तित्व में आईं. पिद्दी भर की हैं लेकिन इस ऐतिहासिक और इको-फ्रेंडली जीव को आउटडेट कर दिया.
8. नाम ऊंट उत्सव, घुसपैठ बाइक्स की: पहले फेस्टिवल में सिर्फ ऊंटों दिखते थे. लेकिन अब टूरिस्टों और टूरिज़्म से जुड़े लोगों के कारण बाइक रैली को भी इस सालाना जलसे में शामिल कर दिया गया है.
9. जमीनी जुड़ाव: कोई बैक्टीरिया नहीं, कोई इनफेक्शन नहीं, कोई गंदगी नहीं. यहां दूर नीचे बैठकर कैमल फेस्ट को निहारता एक ग्रामीण.
10. लो हो गया जी खेल शुरू: असल चीज की ऊंटों पर करतब भी होते हैं. ऊंट पर बैठकर स्टंट कर रहे दद्दू फिसलते-फिसलते बचे. एक बार के लिए लगा कि वे गिरकर ऊंट के पैरों के नीचे आ जाएंगे. लेकिन लगने का क्या? इन्होंने पूरी उम्र ही ये करते हुए गुजारी है.
11. सब कुछ यहां है सनम : खूबसूरत घाघरे में एक विदेशी टूरिस्ट, फेस्टिवल को अलग आंखों से लपकने की तैयारी करते.
12. बाल विवाह नहीं, सिर्फ सांकेतिक मौजूदगी: राजस्थान के राजा-रानियों के सिंबल के रूप में ये बालक-बालिका भी यहां हैं. ट्रेडिशनल कपड़ों में. वैसे यहां ढोला और मरवण प्रतियोगिता भी होती है. जिसका संबंध बेस्ट प्रेमी-प्रेमिका होने से नहीं बल्कि सजने-संवरने में बेस्ट होने से होता है. अजीब ना?
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